Saturday 14 December 2019

जीवन के मकान में रहे अच्छाइयों का प्रवास : आचार्य महाश्रमण


  1. कडूर और बिरूर में अहिंसा यात्रा का भव्य स्वागत
 कडूर, कर्नाटक- सद्भावना नैतिकता और नशामुक्ति इन तीनों आयामों से जन-जीवन का कल्याण करने वाली अहिंसा यात्रा अपने महानायक शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी के पावन नेतृत्व में कडूर पहुंची तो कडूरवासी खुशियों से झूम उठे। आधी सदी बाद अपने आराध्य का अपनी भूमि पर पाकर श्रद्धालुजनों के पांव धरती पर नहीं टिक रहे थे। विभिन्न सम्प्रदायों के लोगों की सहभागिता से स्वागत जुलूस अहिंसा यात्रा के प्रथम आयाम सद्भावना की मिशाल बना हुआ था। आचार्यश्री स्थानीय मूर्तिपूजक समाज की भावभरी प्रार्थना पर कडूर के जैन उपाश्रय में भी गए और श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान किया। लगभग 8 कि.मी. की पदयात्रा कर आचार्यश्री महाश्रमण गवर्नमेंट जूनियर कॉलेज में पहुंचे।

कॉलेज ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमण जी ने समुपस्थित जनमेदिनी को संबोधित करते हुए अपने मंगल प्रवचन में कहा कि आदमी के जीवन में अच्छाइयों का प्रवास होना चाहिए। जीवन एक प्रकार का मकान है। इसमें अच्छाइयां भी रह सकती हैं तो बुराइयां भी रह सकती हैं। आदमी के लिए यह ध्यातव्य है कि उसके जीवन रूपी मकान में किसका प्रवास हो रहा है। उन्होंने कहा कि जीवन में ज्ञान का प्रकाश और सदाचार की सुगंध रहनी चाहिए। ज्ञान चेतना प्रकाश करे और संयम में विश्वास रहे।जीवन मे संयम रहे तो मानों सदाचार जीवन में आ जाता है।

आचार्यश्री ने आगे कहा कि शराब का नशा जीवन की दुर्दशा कर सकता है। शराब पीने वाले व्यक्ति का चित्त भ्रांत हो सकता है। चित्त भ्रान्त होने पर आदमी पापों , अपराधों में प्रवृत्त हो सकता है। पाप करने वाला व्यक्ति दुर्गति को प्राप्त कर सकता है। इसीलिए आदमी को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। गरीब व्यक्ति श्रम करके पैसा कमाता है और उसे शराब में उड़ा देता है तो उसकी गरीबी मिटे कैसे? नशे से अनेक कठिनाइयां हो सकती है। आदमी अपने जीवन को नशामुक्त रखे। आचार्यश्री की प्रेरणा से प्रभावित होकर बड़ी तादाद में उपस्थित कडूर के जैन एवं जैनेतर लोगों ने अहिंसा यात्रा की प्रतिज्ञाएं स्वीकार कीं।

श्री तरुण सियाल, स्थानकवासी समाज के श्री शिवरत्न संचेती, मूर्तिपूजक समाज की ओर से श्री महावीर सुराणा, बालक चयन सियाल, श्रीमती श्वेता सुकलेचा और श्रीमती सीमा सियाल आदि ने आचार्यश्री के स्वागत में अपनी अभिव्यक्ति दी। स्थानीय तेरापंथ समाज की महिलाओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। सियाल परिवार की पुत्रियों ने आचार्य श्री के स्वागत में गीत का संगान किया।

सूरत चातुर्मास सम्पन्न कर 27 दिनों में लगभग 1125 कि.मी. की यात्रा कर आचार्यश्री महाश्रमणजी के सान्निध्य में पहुंचे उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमारजी ने अपने हृदयोदगार व्यक्त किए।

अपराहन में आचार्य श्री कडूर से 8 किमी की पदयात्रा कर विरूर पहुंचे। जहां जैन समाज के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। आचार्यश्री ने रात्रिकालीन कार्यक्रम में उन्हें संबोधित करते हुए सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति को स्वीकार करने का आह्वान किया।

Monday 26 August 2019

युवतियां कैसे करें पर्युषण पर्व की तैयारी ?

जैन परंपरा में पर्युषण पर्व आत्म विशुद्धि योग के सबसे बड़े साधन हैं | पहले और आज की पर्युषण पर्व की आराधना,साधन और साधना में बहुत अंतर आ गया है | पहले संयुक्त परिवारों में बड़े बुजुर्गों के सान्निध्य में पर्युषण के दिन कब आते थे और धर्माराधना करते हुए कब दिन निकल जाते थे पता ही नहीं चलता था | परन्तु आज इस कंप्यूटर  युग में जहां Whatsapp,  google, youtube, twitter  आदि ने सभी को इतना उलझा रखा है कि बड़े शहरों में  एकल परिवारों (nuclear families) में युवतियां पर्युषण के दिनों में धर्म लाभ तो लेना चाहती हैं, परन्तु छोटी-बड़ी समस्याएं उनके सामने अक्सर उपस्थित रहतीं हैं जिनके कारन कभी कभी जैन युवती चाहकर भी धर्म साधना नहीं कर पाती है | इन्हीं सब परिस्थितियों में सामंजस्य बिठाते हुए किस प्रकार पर्युषण के दिनों में धर्माराधना की जा सकती है, आइये कुछ प्रमुख बिन्दुओं  पर विचार करते हैं –

➡अपने घर के समीप के उस धार्मिक स्थल या जिन मंदिर का चुनाव करें, जिनमें आप आसानी से  अपने बच्चों के साथ जाकर पूजा, प्रवचन व सांस्कृतिक प्रोग्रामों का लाभ ले सकती हैं | यदि दूरी हो तो वाहन स्वयं न चलाकर ओला,ऊबर आदि कैब नियमित बुक करके धर्म साधना के स्थान पर जरूर जाएँ |

➡बच्चों को स्कूल जाने से पहले रोज मंदिर जी में जिनेन्द्र देव  के दर्शन अवश्य कराएं | जिस दिन छुट्टी हो उस दिन धर्म स्थल के सभी कार्यक्रमों में ले जाएँ |

धर्म स्थलों में गरिमा पूर्ण ,सादगी युक्त वस्त्र पहन कर खुद भी जाएँ और बच्चों को भी ले जाएँ | कोशिश करें कि साड़ी अवश्य पहनें ,यदि सूट पहने तो सादगी वाला |सर पर पल्लू अथवा चुन्नी अवश्य रखें | कम से कम पर्युषण पर्व में धर्म स्थानों में जींस और टी शर्ट,शोर्ट ड्रेस से अवश्य बचें |हमारे वस्त्रों में गरिमा अवश्य दिखनी चाहिए |

➡यदि साधु संघ विराजमान हो तो उनके दर्शन अवश्य करें और इस बात की मर्यादा रखें कि चाहे कितना भी जरूरी काम हो साधु भगवंतों के पास अकेले न बैठें ,साथ में किसी को अवश्य रखें | रात्रि में उनके ठहरने के स्थान पर कतई न जाएँ ,अपनी सीमा में रहें | किसी भी कक्षा , कार्यक्रम में ब्रह्मचारी जी , साधु महाराज आदि से पर्याप्त दूरी बना कर विनय पूर्वक रहें ,जुलुस आदि में भी एकदम सट कर न चलें |

➡बच्चों के टिफ़िन बॉक्स में जमीकंद व बाज़ार से निर्मित कोई भी भोज्य पदार्थ न दें,साथ ही घर में कुछ शुद्ध मीठे और नमकीन अवश्य बनाकर रखें | सूखे मेवे बाज़ार से लाकर शोधकर पूर्व से ही रखें |

➡ बच्चों को कैंटीन से लेकर खाने को पैसे बिलकुल न दें | स्कूल से आने के बाद बच्चों का होमवर्क समय पर करवाकर उन्हें शाम को ही भोजन करवायें |

➡ यदि आपके पति ऑफ़िस, फैक्ट्री या दुकान से रात्रि में लौटते हैं तो उन्हें शाम का सात्विक भोजन टिफ़िन में पहले से सुबह ही दे दें | जिससे वे इन दिनों में रात्रि भोजन से बच सकें |

➡इन दिनों बरसात का मौसम होने से अनेक प्रकार के जीव-जंतु उत्पन्न हो जाते हैं अतः अपने घर तथा रसोई की इतनी साफ़-सफाई पूर्व से ही रखें ताकि जीव उत्पन्न न हो सकें |

प्रयास करें कि रसोई में सूर्य की रोशनी अवश्य आये तथा सभी कार्य सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच संपन्न हो जायें |

➡अपने बच्चों में दान की प्रवृत्ति विकसित करने के लिए उनके माध्यम से प्रतिदिन१०-२० रुपये मंदिर जी की गुल्लक में अवश्य डालें | साथ ही पर्व के दिनों में घर से अपनी द्रव्य मंदिर जी ले जायें |

➡रात्रि में होने वाले प्रवचन व सांस्कृतिक प्रोग्रामों में बच्चों व पति के साथ अवश्य जाएँ तथा खूब उत्साह पूर्वक भाग लें |

➡घर आकर दस धर्मों में प्रत्येक दिन, प्रत्येक धर्म का महत्त्व अपने पति व बच्चों को अवश्य बताएं | कोई एक ग्रन्थ लेकर उसका स्वाध्याय जरूर करें और सभी को विनम्रता पूर्वक सुनने को कहें |

➡युवतियां स्वयं भी प्रश्न मंच आदि प्रतियोगिताओं तथा छोटी-छोटी नाटिकाओं में भाग लें और पति भी एवं बच्चों को भी प्रेरित करें |

➡WORKING WOMEN’S को भी चाहिए कि वे पर्व के दिनों में दिन में एक बार जरूर मंदिरजी जाएँ |अपनी कार में ऑडियो लगा कर ऑफिस जाते समय भी प्रवचन सुन सकते हैं | मैट्रो ट्रेन ,बस या लोकल ट्रेन से जाना हो तो इयर फोन लगा कर मोबाइल पर अच्छी ज्ञानवर्धक बातें सीखी जा सकती हैं तथा पाठ सुने जा सकते हैं |

➡तत्वार्थ सूत्र का एक बार पाठ करने या सुनने से एक उपवास का फल मिलता है अतः चाहे साक्षात या मोबाइल आदि पर एकाग्रता पूर्वक दिन में एक बार यह पाठ अवश्य सुनें तथा जिनवाणी लेकर पाठ करें |

➡आजकल मंदिरों, स्थानकों तथा स्वाध्याय भवनों में बहुत ही रोचक शैली में आधुनिक तरीकों से जैन दर्शन के सिद्धांतों को समझाया जाता है अतः किसी भी उपाय से बच्चों तथा घर के अन्य सदस्यों को प्रवचन सुनाने अवश्य ले जाएँ | इससे सबसे बड़ा फ़ायदा यह होता है कि जो बात आप घर पर हज़ारों बार में नहीं समझा सकते हैं वह बात वहां के माहौल, प्रभाव और आकर्षक शैली से एक बार में ही दिमाग में बैठ जाती है |

➡अपने घर पर भी शाम के समय सभी लोग एक साथ भजन,स्तुति ,आरती या स्तोत्र अवश्य पढ़ें तथा बच्चों को सिखाएं |

➡प्रतिदिन सामायिक तथा  प्रतिक्रमण  करके शयन करें तथा शयन से पूर्व अगले दिन के धर्म का स्वरुप पढ़ लें और अगले दिन सुबह से उस धर्म पर चिंतवन करते हुए जीवन में उतारने का प्रयास करें |

      वर्षभर में पर्युषण पर्व ही एक ऐसा अवसर होता है जब हम खुद को रीचार्ज कर सकते हैं नहीं तो वर्षभर हम उसी मतलबी दुनिया में जीते हैं जिसमें हमें खुद के आत्मकल्याण, आत्मविशुद्धि का अवसर लगभग ना के बराबर मिलता है |  घर पर धर्म महिलाओं से ही चलता है | हमारे बच्चे भले ही अभी उतना अभ्यास न कर पायें ,लेकिन हमें देख कर सीखते जरूर हैं |आज बच्चे आप के हाथ में हैं थोडा बड़े होने के बाद वे होस्टल आदि में भी चले जाते हैं या हमारी पहुँच के बाहर हो जाते हैं अतः अभी समय रहते यदि आपने उनमें अध्यात्म के बीज बो दिए तो बाद में उसकी फसल भी लहलहाती है |वे जब आत्मनिर्भर हो जाते हैं तब उन्हें जीवन में संतुलन के लिए अध्यात्म निर्भर भी होना होता है ,यदि बचपन के संस्कार रहते हैं तो वे विपरीत परिस्थितियों में भी अपना संतुलन नहीं खोते | एक नारी घर की धुरी होती है वह चाहे तो सभी को धर्म कार्य में प्रेरित करके सभी का भला भी कर सकती है और धर्म अध्यात्म के प्रति उपेक्षा करके घर के सदस्यों को अधो गति में भी धकेल सकती है |

खुद धर्म करने से तो पुण्य होता ही है अन्य को धर्म ध्यान में लगाने से भी सातिशय पुण्य होता है | हम युवतियां इन पर्युषण के दिनों में जितने सहज और सरल रहेंगें, धर्म के प्रति हमारा रुझान जैसा रहेगा पूरा परिवार भी वैसा ही अनुकरण करेगा |जिस प्रकार एक अच्छी और पक्की नींव पूरे घर की आधारशिला होती है उसी प्रकार हमारे धार्मिक संस्कार भी हम पर ही टिके हुए हैं आगे की पीढ़ियों में इसे जागरूक बनाये रखने का उत्तरदायित्व भी हम युवतियों पर ही है, ऐसे में हमें चाहिए कि पर्युषण पर्व श्रद्धापूर्वक धूमधाम से व्रतों नियमों का पालन करते हुए इस प्रकार  मनाएं जिससे हमारे पारिवारिक सुख और शांति में वृद्धि हो और सभी आत्म आराधना के इस शाश्वत मार्ग पर चल कर स्व-पर कल्याण कर सकें |

                                                                     Ruchi Anekant Jain

M.Sc,M.A.Yoga

Research Scholar

JIN FOUNDATION

A93/7A,Chattarpur extension ,New Delhi -74

ruchijaintmu@gmail.com

Saturday 27 July 2019

मोहन भागवत की मोजूदगी मे संघ की दो दिवसीय बैठक वृंदावन मे आज से



वृंदावन - राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की 'सामाजिक सद्भाव गतिविधि की अखिल भारतीय बैठक' शनिवार और रविवार को वृंदावन स्थित वात्सल्य ग्राम में आयोजित की जाएगी। एजेंडा रहेगा, जातिवाद की खाई को खत्म कर हिंदू समाज को एकजुट करना। इसके लिए आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत शुक्रवार की शाम को ही वात्सल्य ग्राम पहुंच गए हैं। जबकि संघ के सहकार्यवाह भईयाजी जोशी, दत्तात्रेय होसबोले और कृष्णगोपाल जैसे बड़े संघ पदाधिकारी देर रात पहुंचेंगे।
आरएसएस में जिस तरह कई कार्य विभाग, जैसे भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण और अधिवक्ता परिषद आदि होते हैं। इसी तरह संघ की विभिन्न प्रकार की गतिविधियां भी संचालित होती हैं। इनमें सामाजिक सदभाव, गो संरक्षण, धर्म जागरण, सामाजिक समरसता और पर्यावरण संरक्षण आदि गतिविधियां प्रमुख हैं। इन्हीं में से शनिवार और रविवार की वात्सल्य ग्राम में आयोजित होने वाली बैठक सामाजिक सदभाव की है। इस बैठक में उप्र के सभी प्रांतों के दो-दो पदाधिकारी शामिल होंगे। लगभग 110 लोग इस बैठक का हिस्सा होंगे।
बैठक में मुख्य रूप से इस बात पर मंथन किया जाएगा कि समाज के सभी वर्गों को हिंदुत्व की विचारधारा से कैसे जोड़ा जाए। खासकर पिछड़ी जातियों की ओर संघ का खासा ध्यान है। इसके लिए संघ ने जातिवाद की खाई को भरने का फैसला किया है। इसी के लिए प्रांतीय पदाधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा, कि वे ऐसे कार्यक्रम आयोजित करें, जिससे हिंदू समाज एकजुट हो सके।  इस बैठक की खास बात यह है कि बैठक को गोपनीय तरीके से सम्पन्न कराया जाएगा। जबकि कार्यक्रम से मीडिया को दूर रखा जाएगा। 

Saturday 13 July 2019

बॉम्बे मार्केट में व्यापारी के साथ ठग दम्पति ने करी 14.3 लाख की ठगी

विद्रोही आवाज़

बॉम्बे मार्केट में व्यापारी के साथ ठग दम्पति ने करी 14.3 लाख की ठगी

_बॉम्बे मार्केट_ : उमरवाड़ा  स्थित बॉम्बे मार्केट के कपड़ा व्यापारी के पास मेहसाणा के दंपति ने अपने साथी के साथ मिल कर लाखों रुपए के कपड़े खरीदने के बाद रुपए नही चुकाए।इस पर उनके खिलाफ थाने में मामला दर्ज करवाया है।

सूत्रों के मुताबिक गोड़ादरा स्थित कैलाश नगर सोसायटी निवासी दीपक खराजु पाटिल की उमरवाड़ा में श्री साइदर्शन टेक्सटाइल नामक कपड़ा दुकान है। अप्रैल से जून 2019 के बीच उसकी दुकान से मेहसाणा के गोजारिया सिटी में रचना एंटरप्राइज के नाम से व्यापार करने वाले हरीश उर्फ विक्रम प्रजापति तथा उसकी पत्नी और साथी विजय देवा भरवाड ने 37 बिलों के जरिए 17,03,788 रुपए मूल्य के कपड़े खरीदे थे कुछ रुपए चुकाने के बाद 14,03,788  बाकी रखते हुए जल्दी ही वापिस उक्त रुपए चुकाने का वादा किया था ।हालांकि रुपए चुकाने के बजाय हरीश तथा उसकी पत्नी व साथी मेहसाणा में स्थित अपनी दुकान बंद कर फरार हो गए। इस मामले में दीपक ने तीनों के खिलाफ और वराछा पुलिस थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है।

Friday 21 June 2019

महावीर इंटरनेशनल साउथ-वेस्ट द्वारा आयोजित योग शिविर में उमड़ा योगप्रेमियों का जन सैलाब

महावीर इंटरनेशनल साउथ-वेस्ट द्वारा आयोजित योग शिविर में उमड़ा योगप्रेमियों का जन सैलाब
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महावीर इंटरनेशनल,सूरत साउथ-वेस्ट एंव लैंडमार्क ग्रुप के  माधव जी पटेल के सयुंक्त तत्वावधान में सूरत के भटार रोड़ स्थित विवेकानंद गार्डन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विराट योग, ध्यान एंव प्रशिक्षण शिविर के आयोजन में योग प्रेमियों जा जनसैलाब उमड़ पड़ा, जानकारी देते हुए शाखा के चेयरमेन वीर प्रदीप गुजरानी ने बताया कि 21 जून शुक्रवार को प्रात 6,30 बजे प्रारम्भ हुए योग शिविर में प्रथम सत्र में योगा एक्सपर्ट एंव मोटिवेटर नितल शाह ने योग के अनूठे प्रयोग कर उससे होने वाले लाभ से अवगत कराया, द्वितीय सत्र में आसन ध्यान प्रणायाम पर योग-ध्यान विशेषज्ञ छाया गांधी ने जब 10 मिनिट में 100 आसन के प्रयोग बताए तो विशाल प्रांगण में उपस्थित योगप्रेमियों ने तालियों की गड़गड़ाहट के द्वारा उसे सराहा, छाया गांधी ने योग-प्रणायाम के भी प्रयोग कराए, तीसरे सत्र में युवा योगगुरु वशिष्ठ पराशर ने योग के अलावा शरीर के जोड़ो आदि के दर्द से छुटकारा दिलाने के टिप्स बताए तो योगप्रेमी सुबह 9,30 बजे तक तपती धूंप में भी तन्मयता से वे टिप्स देखते रहे, योग शिविर में पधारे तीनो योग एक्सपर्ट से उपस्थित लोग इतने प्रभावित हुए की अधिकांश ने उन सभी से मोबाइल नम्बर भी प्राप्त किये, संगठन के सचिव वीर अजय बरड़िया ने बताया कि आसमान में एक समय तो इतने जोरदार घटाटोप बादल छा गए, कि मानो बरसात बरसने वाली ही हो, लेकिन इंद्रदेव ने पूरी मेहर रखी व सम्पूर्ण तीन घण्टे के शिविर में कुछ भी व्यवधान नही डाला, ताज्जुब यह भी की जब शिविर व अल्पाहार कार्यक्रम सम्पन्न हुआ तो बारिश बरसने लग गई,  इस अवसर पर तीनों योग एक्सपर्ट को संगठन के वीर-विराओं ने सयुंक्त रूप से स्मृति चिन्ह द्वारा सम्मानित किया, शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में विवेकानंद गार्डन के रखरखाव कर्ता श्री माधव जी पटेल का स्मृति चिन्ह से सम्मान किया गया, योग शिविर में रीजन सेक्रेटरी वीर श्री गणपत भंसाली तथा जोन चेयरमेन वीर श्री राजेश बोथरा की भी उपस्थिति रही, इस अवसर पर लक्की ड्रॉ के द्वारा विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया, सभी योगप्रेमियों को अल्पाहार कराया गया, कार्यक्रम का संचालन वीरा डॉ पूनम गुजरानी ने किया,एंव आभार वीर श्री रणजीत जैन ने प्रकट किया।

तेरापंथ भवन सिटीलाइट सूरत में विश्व योग दिवस का आयोजन

सूरत - (अलका सांखला) अभातेयुप के निर्देशन में तेरापंथ युवक परिषद सूरत और सहयोगी संस्था प्रेक्षा फाउंडेशन ने शासन श्री सरस्वती जी के सानिध्य में तेरापंथ भवन सिटीलाइट सूरत में विश्व योग दिवस का आयोजन किया। साध्वी श्री संवेगप्रभा जी ने नमस्कार महामन्त्र के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की।प्रेक्षा फाउंडेशन की टीम ने "आत्म साक्षात्कार प्रेक्षाध्यान के द्वारा ..." गीत के संगान से मंगलाचरण किया।
     विश्व योग दिवस के बैनर का अनावरण  सभा के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री बालचंदजी बेताला,सभा के पूर्वाध्यक्ष श्री सुशील जी सुराणा,महिला मण्डल अध्यक्षा श्री सुनिता जी सुराणा,प्रेक्षा फाउंडेशन सूरत के संयोजक श्री गौतमचंदजी गादिया,अभातेयुप योग दिवस राष्ट्रीय संयोजक श्री कमलेश जी गादिया, अभातेयुप सदस्य श्री राजेश जी मादरेचा,दीपक जी रांका, तेयुप अध्यक्ष श्री प्रकाश जी छाजेड़ व मंत्री श्री सुनील श्रीश्रीमाल ने किया।
    साध्वी श्री संवेगप्रभा जी ने योग दिवस पर कहा कि अगर हमें हमारा जीवन संतुलित रखना है तो जीवन मे योग ज़रूरी है।प्रेक्षा फाउंडेशन सूरत के संयोजक श्री गौतमचंदजी गादिया,अभातेयुप से अंतराष्ट्रीय योग दिवस के संयोजक श्री कमलेश जी गादिया,तेयुप अध्यक्ष श्री प्रकाश जी छाजेड़,आदि ने अपनी भावनाएं व्यक्त की व आचार्य श्री महाप्रज्ञ का अवदान प्रेक्षाध्यान को जनजन तक पहुचाने का आह्वान किया।
 इंटरनेशनल योग कॉम्पिटिशन सिल्वर मेडलिस्ट योगेश जीरावला ने आसन करवाये और प्रेक्षा प्रशिक्षक श्री गौतमचंदजी गादिया द्वारा  कौन से योग से क्या लाभ होता है की जानकारी दी गयी और यौगिक क्रियाएँ करवाई गई।
  श्री मति अलका जी सांखला व उनकी टीम ने श्वाश प्रेक्षा के प्रयोग करवाये।
प्रेक्षा प्रशिक्षिका श्री मति रेणु बैद द्वारा प्रेक्षाध्यान एवं संकल्प करवाये गये ,प्रेक्षा प्रशिक्षिका डॉ.मायाबेन ने हास्य के प्रयोग करवाये।
इस योग शिविर में करीब 300 लोंगो ने भाग लिया,सभी का अच्छा सहयोग रहा।कार्यक्रम के पर्यवेक्षक श्री अमित सेठिया,संयोजक श्री अमित सुराणा व तेयुप सूरत के कार्यकारिणी सदस्यों ने अथक श्रम कर योग दिवस को सफल बनाया।
आभार ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक श्री अमित सुराणा ने किया।कार्यक्रम का कुशल संचालन मंत्री श्री सुनील जी श्रीश्रीमाल ने किया।

Sunday 16 June 2019

श्वेताम्बर महासंघ की बैठक में छाया मांसाहार परोसने वाले स्थल पर अनुष्ठान न होने का मुद्दा


इंदौर।  23 जून को होने वाले उव्सगगररह अनुष्ठान  के स्थान नक्षत्र को लेकर उपजा विवाद आज अ.भा. श्वेताम्बर जैन महासंघ की बैठक में  अध्यक्ष की अनुमति के बाद आक्रोशित श्रावको ने पुर जोर ढंग से उठाया। जिसे सकल जैन समाज ने माना कि मांसाहार परोसने वाली जगह पर महापूजन विधान अनुष्ठान नही हो सकता है। 
समाज के वरिष्ठ श्रावक सुभाष विनायकिया ने अध्यक्ष से अनुमति लेकर श्वेताम्बर महिला संघ द्वारा 23 जून को नक्षत्र ब्रिलिएंट कन्वेन्शन परिसर में उव्सगगररह महापूजन करने का पुरजोर विरोध किया
 सर्वप्रथम नाकोड़ा भैरव उपासक अक्षय जैन ने सोशल मीडिया पर प्रसारित कर समाज को जागरूक किया । अब यह मामला धर्म।भावना आहत करने वाला निरूपित हो चुका है 20 से ज्यादा आचार्यो गुरु भगवंतों ने इस पर मुखरता से धर्म मर्यादानुसार पूजन नही हो सकने के ऐलान किया। इस मसले पर सबसे कड़े ओर तल्ख अंदाज में सन्तोषमामा ने महासंघ की सभा में सभी वरिष्ठ एवं समाज जनों के नाम अपील करते हुए कहा कि  अगर महिला मंडल अपने अहंकार में मांसाहार वाले स्थान पर महापूजन करेगा तो हम धार्मिक भावनाओं के आहत करने की कानूनी जंग भी लड़ेंगे।मामा ने सभी वरिष्ठ समाज जनों को बताया कि हम कभी भी उव्सगगरहं महापूजन आयोजन के विरोध में न बोले है न खड़े है। हमारा विरोध सिर्फ मांसाहार परोसे जाने वाले स्थल परिसर से है। 
आयोजक स्थान परिवर्तन की घोषणा कर दे सकल समाज उस आयोजन का हिस्सेदार बनेगा। इस विरोध का अंतर्मन से समर्थन उपस्थित सभी श्रावको  अध्यक्ष चन्दनमल चौरड़िया डॉ प्रकाश बांगानी  डॉ.मनोहर दलाल डॉ.नरेंद्र धाकड़ हंसराज जैन विजय मेहता भंवरलाल कासवा सोहनलाल पारीक प्रकाश कांकरिया संपतसिंह संचेती महेश डाकोलिया विमल नाहर कैलाश नाहर  गोपीलाल समोता  पारसमल बेताला मुकुंदचंद मेहता  हस्तीमल जामड़ प्रकाश जैन राजकुमार सुराणा शेखर गेलड़ा  यशवन्त जैन जितेंद्र मालू  नरेंद्र भटेवरा  सुमेरमल चौरड़िया राजकुमार पंजाबी प्रदीप चोरड़िया  अशोक जैन राजगढ़ वाला मनोहरलाल जैन हंसकुमार जैन  किशोर पोरवाल  जिनेश्वर जैन  गजेंद्र बोडाना विजयसिंह नहार सोभागमल झामड वीरेंद्र मारू मनोहर लोढा पुखराज पामेचा अभिषेक नाहर सहित उपस्थित  सभी समाज प्रमुखों  ने स्थान परिवर्तन करने की मांग का समर्थन किया और कहा कि जब धर्म गुरुओं ने  स्पष्ठ कर दिया कि अपवित्र अशुद्ध परिसर में परमात्मा पूजन अनुष्ठान नही हो सकता है तो इस बात को महिला मंडल को मानकर  विवाद का पटाक्षेप कर देना चाहिए। इस मीटिंग के बाद भाई अक्षय जी जैन ने बताया कि समाज प्रमुख श्री प्रकाश भटेवरा ने सोशल मीडिया पर आयोजक महिला मंडल इकाई की प्रमुख रेखा वीरेंद्र जैन के हवाले से सूचना प्रसारित की है कि  कल दिनांक 17 जून को दोपहर 3 बजे 23 जून के उव्सगगररह महापूजन स्थान परिवर्तन करने के बारे मे निर्णय लेने हेतू अहम बैठक 165 आर एन टी मार्ग पर  होगी है ।
श्री अक्षय जैन एवं संतोष मामा ने बताया कि हमारा विरोध सिर्फ स्थल की अपवित्रता से है  अनुष्ठान के आयोजन से नहीं ।सभी को विश्वास है कि आयोजक महिला संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी धार्मिक भावनाओं को आहत न पहुंचे  इस हेतु जन भावनाओं का सम्मान करते करते हुए नवीन स्थल की शीघ्र घोषणा करेंगे।

जीवन के मकान में रहे अच्छाइयों का प्रवास : आचार्य महाश्रमण

कडूर और बिरूर में अहिंसा यात्रा का भव्य स्वागत  कडूर, कर्नाटक-  सद्भावना नैतिकता और नशामुक्ति इन तीनों आयामों से जन-जीवन का कल्याण कर...