Friday 14 April 2017

IS पर निशाना: आतंक पर US का हमला,ट्रंप ने कहा-हमारा मिशन पूरा हुआ

अमेरिका ने आईएस को निशाना बनाकर गुरुवार को अफगानिस्तान पर जोरदार हमला किया है। अफगानिस्तान में स्थित आईएस के कैंपों पर अमेरिकी सेना ने बड़ा हमला बोला। इस हमले को अब तक का सबसे बड़ा गैर परमाणु हमला माना जा रहा है। अमेरिका ने वहां 'मदर ऑफ ऑल बॉम्ब' का इस्तेमाल किया है। इस हमले में 20 भारतीयों के मारे जाने की आशंका है। अमेरिका सेना के मुताबिक अफगानिस्तान के नंगारहर प्रांत में हाल ही में आईएस के हमले में अमेरिका के विशेष सुरक्षा बल 'ग्रीन बेरेट' के कमांडर की जान चली गई थी। अमेरिका ने इस घटना के बाद इतना बड़ा कदम उठाया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान में बम गिराए जाने की अनुमति दी थी और इस अभियान को अत्यंत सफल करार दिया। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा, यह वास्तव में एक सफल अभियान रहा। हमें हमारी सेना पर गर्व है। ट्रंप ने कहा, मुक्षे नहीं पता कि इससे उत्तर कोरिया को संदेश मिलता है या नहीं। इससे कोई अंतर नहीं पड़ता। उत्तर कोरिया एक समस्या है। इस समस्या का समाधान निकाला जाएगाा। इस मिशन की जानकारी रखने वाले चार अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने बताया कि सेना ने अफगानिस्तान में सबसे बड़ा बम गिराया है। उन्होंने आगे कहा, मैंने सत्ता में आते ही कहा था कि, अमेरिका आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। सूत्रों ने बताया कि जीबीयू-43/बी मैसिव ऑर्डिनेंस एयर ब्लास्ट बम गुरुवार को स्थानीय समयानुसार शाम साढ़े सात बजे गिराया गया। इस बम का निकनेम मॉब (एमओएबी) भी है। इसे 'मदर ऑफ ऑल बम' भी कहा जाता है। इसका वजन 21600 पाउंड है और यह जीपीएस से निर्देशित है। यह बम अमेरिका का शक्तिशाली गैर परमाणु बम है। सैन्य सूत्रों ने बताया कि इस बम को एयर फोर्स स्पेशल ऑपरेशन कमांड ने एमसी-130 विमान से गिराया। उन्होंने बताया कि हमला नानगरहार प्रांत में मौजूद इस्लामिक स्टेट (आईएस) की सुरंगें और आतंकी थे। सेना हमले से आतंकी गुट को हो रहे नुकसान का आकलन कर रही है। अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों के कमांडर जनरल जॉन निकोलसन ने इस बम के इस्तेमाल को मंजूरी दी। इस बम को इराक युद्ध के तैयार किया गया था। निकोलसन ने एक बयान में कहा कि यह इस तरह किया गया जिससे इलाके में मौजूद अफगान और अमेरिकी बलों को नुकसान नहीं हो और आईएस के लड़ाकों को खत्म किया जा सके। इस इलाके में अफगान और अमेरिकी बलों को अपना अभियान चलाने में मुश्किलों को सामना करना पड़ता है क्योंकि आईएस अपने बचाव के लिए आईईडी, बंकर और गुफाओं का प्रयोग करते हैं। शनिवार को नानगरहार में आईएस के खिलाफ कार्रवाई के दौरान एक अमेरिकी सैनिक की मौत हो गई थी। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एच आर मैकमास्टर अफगानिस्तान की जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए वहां जाएंगे और इस बात का पता लगाएंगे कि अफगान सहयोगी और नाटो गठबंधनों के साथ कैसे आगे बढ़ा जा सकता है। ट्रंप ने नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग के साथ व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, मैं जनरल मैकमास्टर को यह पता करने क लिए अफगानिस्तान भेज रहा हूं। हम कैसे अपने अफगान सहयोगी और नाटो गठबंधन के साथ आगे प्रगति कर सकते हैं। हालांकि, व्हाइट हाउस ने मैकमास्टर के अफगानिस्तान या क्षेत्र के किसी अन्य देश के दौरे के बारे कोई विस्तत ब्यौरा देने से इंकार कर दिया है।

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