Thursday 13 October 2016

सैनिकों का अहम योगदान हमारी सुरक्षा मे —–

सैनिक देश के असली हीरो हैं. हर चुनौतियों का सामना करते हुए देश की सुरक्षा करते हैं ! जवान देश की सरहदों और बर्फीली पहाड़ियों पर दिन-रात चौकसी के साथ भारतवासियों की सुरक्षा के लिए तैनात हैं। इन सैनिक के देश के प्रति समर्पण भावना पर सभी को गौरव होना चाहिए। हमारे जवानो ने साहस ने देश का सर ऊंचा किया है। सैनिक चाहे किसी भी देश के क्यों न हों, उनकी जिंदगी हमेशा कठिनाईयों से भरी होती है। सैनिक हमारे देश के प्रहरी होते है, जब तक वे सीमा पर तैनात हैं, तब तक हम भी चैन की साॅस ले पाते हैं, अन्यथा हमारा जीवन भी कब का समाप्त हो चुका होता। राष्ट्र की सुरक्षा, अखण्डता व एकता को बनाये रखने में भारतीय शस्त्र सेनाओं का योगदान किसी से छुपा नहीं है। देश की रक्षा के लिये हमेशा तत्पर रहने वाले सैनिक अपने परिवार से दूर रहते है । साल में सिर्फ दो महीने के लिये वो अपने परिवार साथ रहने आते हैं, और उसमें भी यदि बीच में ही कहीं लड़ाई छिड़ जाये या अन्य जरूरत आ पड़ी तो उन्हें वापस बुला लिया जाता है। हम अपने घरों में चैन की नींद सो रहे है, उसका कारण भी सैनिक ही हैं, उन्हें सोने के लिये कहीं पर रेतीली चादर मिलती है तो कहीं पर घास का बिछौना बनाकर भी वो रात काट लेते हैं, उनका सोना भी एक आराम मात्र होता है, हमारी तरह नहीं कि पूरी आनंद की नींद ले सकें। वह आॅख बंद भी करते हैं तो उनके मन में सीमा की सुरक्षा की यादें बनी रहती है, जिससे वे हमेशा सजग रहते हैं। भारतीय सशस्त्र सेनाओं के तीनों अंग थल सेना, नौसेना, और वायु सेना अपने आपसी तालमेल से देश के ऊपर आने वाले प्रत्येक संकट को दूर कर देते हैं। अखण्ड़ता, एकता व भाईचारे के प्रतीक जाॅबांज सैनिक हम सबके प्रेरणास्त्रोत हैं। कठिन से कठिन मुसीबतों का सुनियोजित व संगठित तरीके से किस प्रकार हल निकालना जाना चाहिये तथा इन परिस्थितियों से भारत माता की रक्षा कैसे की जाये, यह सब हमें भारतीय सशस्त्र सेनाओं के उन जांबांजों से सीखना चाहिये जो देश की रक्षा के लिये हर समय मर-मिटने के लिये तैयार रहते हैं। सैनिक अपने कर्तव्य पालन व उद्देश्य की पूर्ति के लिये अपना घर-परिवार छोड़कर उनसे मीलों दूर रहकर संपूर्ण भारत को अपना घर व प्रत्येक भारतवासी को अपना पारिवारिक सदस्य मानते हैं। भारतीय थल सेना हमेशा आपदाओं के समय में भी देश के लोगों की रक्षा के लिये तत्पर रहती है। इसी प्रकार भारतीय नौसेना भी शस्त्र सेनाओं का एक अंग है, जो देश क समुद्री सीमाओं को सुरक्षित रखने के साथ-साथ प्राकृतिक अपदाओं े समय राहत व बचाव कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसी प्रकार वायु सेना भी आकशीय मार्ग से आने वाले प्रत्येक देश के दुश्मनों पर नजर रखती है, और दुश्मनों को अपनी सीमा में घुसने से पहले ही समाप्त करने की क्षमता भी भारतीय वायु सेना में है। हमारे देश में सैनिकों की संख्या चीन के बाद सबसे ज्यादा है। चीन के पास वहाॅ की जनसंख्या के हिसाब से कुछ ज्यादा सीमा सुरक्षा बल है, लेकिन भारत की जनसंख्या के हिसाब से भारत के पास अधिक सीमा सुरक्षा बलों का आंकड़ा है। भारतीय सशस्त्र सेना में शामिल होने के बाद किसी भी व्यक्ति को ऐसी शिक्षा दी जाती है कि वह देश की रक्षा के लिये अपने प्राण तक देने को तैयार रहता है। भारत सरकार भारत की तथा इसके प्रत्येक भाग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये उत्तरदायी है। भारतीय शस्त्र सेनाओ की सर्वोच्च कमान भारत के राष्ट्रप्रति के पास होती है। देश की रक्षा का दायित्व मंत्रिमण्ड़ल के पास होता है इसका निर्वाहन रक्षा मंत्रालय से किया जाता है जो सशस्त्र बलों को देश की रक्षा के संदर्भ में उनके दायित्व के निर्वाहन के लिये नीतिगत रूपरेखा और जानकारियाॅ प्रदान करता है। भारतीय सेना के प्रमुख कमांड़र भारत के राष्ट्रपति हैं। भारतीय सेना आज पूरे अत्याधुनिक हथियारों से लैस है और किसी भी दुश्मन के साथ लोहा लेने के लिये हमेशा तैयार है। भारतीय सेना की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र है। सीमा सुरक्षा बलों का जीवन किसी तपस्या से कम नहीं है। एक सैनिक जितनी निष्ठा भाव से दश की रक्षा के लिये तत्पर रहता है, उतना उसे सम्मान नहीं दिया जाता है, आज देश के ऐसे सैनिकों के बारे में बहुत कम लिखा-पढ़ा जाता है जो अपना सबकुछ छोड़कर देश की रक्षा में अपना जीवन न्यौछावर कर देते हैं। भारतीय सीमा सुरक्षा बलों के बारे में कहा भी गया है कि ‘‘ कंधों से मिलते हैं कंधे और कदमों से कदम मिलते हैं, जब चलते हैं हम ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं ’’। आज देश के हर कोने में आतंकवाद पैर पसारने लगा है, ऐसे में हमारे सैनिक ही है, जो देश की रक्षा के लिये उनसे लोहा लेते हुये अपने प्राण देेने में भी नहीं हिचकिचाते हैं। एक ओर जहाॅ पाकिस्तान है तो दूसरी ओर चीन ऐसे में देश की सुरक्षा का जिम्मा जिस तरह से देश की सशस्त्र सीमा बलों ने उठाया है मे मानता हु वह अपने किसी ऋषि-मुनियों की कठोर तपस्या से कम नहीं है। भारतीय सेना सिर्फ हमें बाहरी आक्रमण से ही नहीं बचाती है, बल्कि शांति के समय में कई सामाजिक सेवाये भी करती है। प्राकृतिक आपदाये जब भी कोई आपदा, कश्मीर और अन्य स्थानों पर आया भारी भूकंप आदि स्थानों पर भारतीय सेना का साहसिक कार्य प्रशंसनीय है। अगर हमें कुछ सीखना है तो भारतीय सेना से बेहतर और कुछ नहीं है, भारतीय सेना अनुशासन का एक बहुत बड़ा उदाहरण है। वे हमें किसी भी प्राकृतिक परिस्थितियो का सामना करने में सक्षम बना सकते हैं। हमारे देश में कितनी ही समस्यायें क्यों न हों, लेकिन एक सच्चा सैनिक देश की बुराई कभी भी नहीं करता वह अपनी जान से भी ज्यादा देश को प्यार करता है। हमें अपने सैनिकों से देश के प्रति सम्मान और प्यार की सीख मिलती है। हमारे देश के चारों तरफ संकट की सीमायें बनी हुई है, और इन सीमाओं को सुरक्षित रखने में अहम योगदान हमारे वीर सैनिकों का है। हमारे देश के सैनिकों ने कभी भी किसी के सामने घुटने नहीं टेके। हमारी सेना का आदर्श वाक्य है ‘‘करो या मरो’’। इसलिये हमें अपने देश के सैनिकों का हमेशा सम्मान करना चाहिये जिनकी बदौलत हम चैन से अपना जीवन जी पा रहे हैं।
जय हिन्द ……
उत्तम जैन (विद्रोही )
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